1. ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक उपचारक / चिकित्सक सहायक की आवश्यकता क्यों है?
भारत एक विशाल विकासशील देश है, राष्ट्र के निर्माण में कुछ मूलभूत आवश्यकताएँ होती है। जिसमें स्वास्थ्य का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है हमारे देश की 80% आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है । किन्तु शहरी क्षेत्र की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा की समुचित व्यवस्था नही होने के कारण आम लोगो को विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसमे प्रमुख रूप से – मलेरिया, टायफाइड, डायरिया, डिसेन्ट्री, हैजा, पीलिया, निमोनिया, टी. बी., चेचक, फाइलेरिया, पोलियों, शुगर, गलसुआँ, एनीमिया, मधुमेह, ब्लड प्रेशर (रक्त चाप), सर्दी जुकाम, मौसमी बुखार,- Read More
2. प्राथमिक उपचार क्या है? –
“प्राथमिक चिकित्सा, चिकित्सा विज्ञान का बहुत ही महत्वपूर्ण भाग है किसी भी दुर्घटनाग्रस्त या अचानक बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति को किसी प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा जो सीमित उपचार किया जाता है उसे प्राथमिक चिकित्सा(First Aid) कहते है”, इसका उद्देश्य कम से कम साधनों में इतनी व्यवस्था करना होता है की चोटग्रस्त/अचानकसे बीमार व्यक्ति को व्यक्ति को सम्यक इलाज कराने की स्थिति में लाने में लगने वाले समय में कम से कम नुकसान हो ।
3.टेलीमेडिसिन (दूर-चिकित्सा पद्धति) क्या है? –
भारत सरकार द्वारा देश के ग्रामीण/दुर्गम क्षेत्रों में निवास कर रहे लोगो के इलाज करने हेतु पंजीकृत चिकित्सक (RMP) जरूरत के अपेक्षा कम उपलब्ध होने के कारण होने वाली कठिनाइयों एवं शहरी अस्पतालों में बढती भीड़ से उत्पन्न समस्यायों को कम करने के लिए मार्च 2020 में टेलीमेडिसिन (दूर चिकित्सा) पद्धति के माध्यम से पंजीकृत चिकित्सक (RMP) को सम्पूर्ण भारत में (दूर चिकित्सा) (फोन कॉल, मेसेज, विडियो कॉल) के माध्यम से केयर गिवर/हेल्थ वर्कर (चिकित्सक सहायक) के सहयोग से इलाज करने हेतु कानूनी मान्यता दिया गया –Read More