1. किसी भी दुर्घटनाग्रस्त या घायल व्यक्ति की अवरुद्ध श्वसन नली को प्राथमिक उपचार देकर प्राण रक्षा करना
  2. किसी भी दुर्घटनाग्रस्त या घायल व्यक्ति के हो रहे रक्तस्राव को प्राथमिक उपचार देकर रक्त स्राव कोरोकना|
  3. किसी भी घायल व्यक्ति की असामान्य श्वसन क्रिया को प्राथमिक उपचार के माध्यम से सामान्य करके प्राण रक्षा करना ।
  4. किसी भी दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति अथवा अचानक बीमार व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देकर उसकी तकलीफों व शारीरिक क्षतियों को और अधिक होने से रोकना।
  5. ग्रामीण क्षेत्रों में संचारी एवं गैर-संचारी रोग जैसे- मलेरिया,टायफायड,डायरिया,कालरा,डिसेंट्री, हैजा, निमोनिया, टी0बी0,इंफ्लुन्जा, चेचक, खसरा, कोविड-19, शुगर, ब्लड प्रेशर आदि सामान्य एंव मौसमी बीमारियों का प्राथमिक स्तर पर उपचार करके इन्हे महामारी के रूप में फैलने से रोकना ।
  6. समाज में मानव स्वास्थ्य के प्रति व्याप्त विभिन्न भ्रान्तियाँ जैसे- रक्तदान, नेत्रदान,परिवार नियोजन, स्तनपान, कुष्ठ रोग, टीकाकरण, पल्सपोलियों आदि के प्रति लोगों को प्राथमिक स्तर पर उचित परामर्श देकर भ्रांतियों को कम करने हेतु कार्य करना |
  7. ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा स्वास्थ्य सम्बन्धी योजनाओं के अन्तर्गत दी जा रही स्वास्थ्यसुविधाओ के प्रति आमजन को जागरूक करना व उसके लाभ को जरुरतमंदो तक पहुँचाने के लिए प्रयास करना जिससे ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओ को और बेहतर बनाया जा सकें।
  8. किसी घायल या पीड़ित व्यक्ति को यदि चोट लगी है और रक्त बह रहा है तो जल्द से जल्द रक्त स्राव को रोकना। अगर घायल व्यक्ति बेहोश हो तो होश में लाने की कोशिश करना ।
  9. अगर कोई हड्डी टूट गयी है तो उसे सीधा कर दर्द कम करने का प्रयास करना तथा घायल व्यक्ति को नजदीकी चिकित्सालय में भेजने का प्रबन्ध करना ।
  10. दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को तब तक अकेला नही छोड़ना जब तक पीड़ित व्यक्ति का इलाज किसी प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा शुरु न कर दिया जायें।
  11. आवश्यकता पड़ने पर पंजीकृत चिकित्सक (RMP)से उचित माध्यम (फोन कॉल, मेसेज, विडियो कॉल) से परामर्श लेकर उसके द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशो के अनुसार इलाज करना |