• स्वास्थ्य कर्मी के निर्णय के अनुसार चिकित्सक के साथ टेलीपरामर्श आवश्यक है ।
• स्वास्थ्य कर्मी को मरीज की सहमती प्राप्त करनी चाहिये ।
• स्वास्थ्य कर्मी को टेलीमेडिसिन परामर्श के संभावित इस्तेमाल और सेवाएं स्पष्ट करनी चाहिए ।
• उसे मरीज का नाम, आयु, पता, ईमेल आई डी फ़ोन नंबर या अन्य कोई पहचान पूछ कर मरीज की पहचान की पुष्टि करनी चाहिए ।
• स्वास्थ्य कर्मी टेलीमेडिसिन परामर्श प्रारम्भ करता है और उसे सुविधाजनक बनाएगा ।
• इमरजेंसी की स्थिति में स्वास्थ्य कर्मी चिकित्सक को मरीज की आन्तरिक चिकित्सीय स्थिति के बारे में तुरंत सूचित करेगा और यदि चिकित्सक के अनुसार इमरजेंसी की स्थिति है तो मरीज को तत्काल देखभाल की आवश्यकता है तो मरीज को तत्काल राहत के लिए प्राथमिक उपचार देकर कही और रेफेर किया जाना चाहिए । यदि इमरजेंसी नहीं हो तो
• स्वास्थ्यकर्मी द्वारा चिकित्सक को मरीज की स्वास्थ्य समस्याओं का एक विस्तृत स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए और यदि आवश्यक हो तो चिकित्सक मरीज से कोई और जानकारी ले सकता है ।
• स्वास्थ्यकर्मी, चिकित्सक को उसके चिकित्सीय निर्णय के लिए अपेक्षित मरीज की हिस्ट्री, जाँच रिपोर्ट्स एवं अन्य आवश्यक जानकारियाँ उपलब्ध कराएगा जिससे चिकित्सक अपने उचित विवेक के अनुसार परामर्श देगा |
• यदि चिकित्सक को लगता है की उपलब्ध करायी गयी सूचना अपर्याप्त है तो वह अन्य जानकारी के लिए कुछ लैब टेस्ट या अन्य कोई भी जाँच कराने के लिए मरीज को स्वास्थ्य कर्मी के माध्यम से परामर्श दे सकता है ।
• एक बार चिकित्सक को मरीज के बारे में सम्पूर्ण जानकारी की संतुष्टि हो जाती है और चिकित्सक को लगता है कि मरीज को टेलीमेडिसिन के जरिये परामर्श दिया जा सकता है तो वह मरीज को टेलीमेडिसिन के जरिये परामर्श दे सकता है । स्वास्थ्य कर्मी को अपने रिकॉर्ड में इसका उल्लेख करना चाहिए ।
• चिकित्सक अपने सर्वोत्तम निर्णयों के अनुसार :-
(i) मरीज को स्वास्थ्य शिक्षा / सलाह दे सकता है।
(ii) कोई भी नई जाँच जो अगले परामर्श के लिए आवश्यक है के लिए सलाह दे सकता है ।
(iii) दवाईयां लिख / प्रेसक्राइब कर सकता है